भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 8 नेताओं के नाम चर्चा में हैं, जिनमें अनुभवी संगठनकर्ता, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रभावशाली महिला नेता शामिल हैं. इन दावेदारों की सूची इस प्रकार है:
शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. छह बार लोकसभा सांसद और चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज की लाडली बहना योजना ने मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 13 साल की उम्र से आरएसएस से जुड़े शिवराज ओबीसी समुदाय से आते हैं और संगठन में उनकी मजबूत पकड़ है.
सुनील बंसल: सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश में भाजपा का ‘चाणक्य’ कहा जाता है. 2014 और 2017 के चुनावों में उनकी रणनीति ने पार्टी को बड़ी सफलता दिलाई. ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भी उनके संगठनात्मक कौशल की सराहना हुई. आरएसएस के साथ उनकी नजदीकी उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है.
धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से हैं, जहां भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. 40 साल के राजनीतिक अनुभव और ओबीसी समुदाय से होने के कारण वे सामाजिक समीकरण के लिए उपयुक्त हैं. उनकी संगठनात्मक क्षमता और मोदी-शाह की नजदीकी उनकी दावेदारी को मजबूत करती है.
रघुवर दास: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पांच साल तक स्थिर शासन दिया. ओबीसी समुदाय से आने वाले दास की पूर्वोत्तर में भाजपा के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. उनकी जमीनी पकड़ उनकी ताकत है.
स्मृति ईरानी: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पार्टी की मजबूत महिला चेहरा हैं. हिंदी बेल्ट और दक्षिण भारत में उनकी प्रभावी उपस्थिति और आरएसएस के साथ अच्छे संबंध उन्हें दावेदार बनाते हैं.
वानति श्रीनिवासन: भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानति श्रीनिवासन तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा चुकी हैं. उनके परिवार का आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से गहरा नाता है.
तमिलिसाई सौंदर्यराजन: तमिलनाडु में भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन 1999 से पार्टी से जुड़ी हैं. मोदी और शाह की करीबी होने के साथ-साथ उन्होंने तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार में योगदान दिया है.
डी. पुरंदेश्वरी: आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव की बेटी हैं. उनकी दावेदारी से पार्टी को तेलुगु राज्यों में मजबूती मिल सकती है.
भविष्य की रणनीति
भाजपा का नया नेतृत्व न केवल संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष को चुनौती देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पार्टी सामाजिक समावेश, महिला नेतृत्व और वैचारिक समर्पण पर जोर दे रही है. अगले कुछ दिनों में होने वाली घोषणाएं भाजपा की भविष्य की दिशा को स्पष्ट करेंगी.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है. पीएम आवास पर हुई इस बैठक ने दावेदारों और रणनीति को लेकर स्थिति स्पष्ट की है. शिवराज सिंह चौहान, सुनील बंसल और धर्मेंद्र प्रधान जैसे नामों के साथ-साथ महिला नेताओं की दावेदारी ने इस रेस को और रोचक बना दिया है. अगले एक हफ्ते में होने वाली घोषणा से यह तय होगा कि भाजपा का अगला नेतृत्व कौन संभालेगा और पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.