कोरबा। सफाई के काम मे भी महादेव एप की तर्ज खाता किराए में लेने का रिवाज बढ़ गया है। ठेकेदार और अफसर सफाई करो कम और दाम लो ज्यादा कहते हुए सुबह चाय की चुस्की के साथ हिसाब लगाते देखे जा सकते है।
बता दें कि प्रदेश के सबसे बड़े राजस्व वाले नगर निगम में सफाई का हाल बेहाल है। निगम के वार्डो निरीक्षण से सफाई के नाम पर हो रहे धांधली का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। सूत्रों की माने तो करोड़ो खर्च होने वाले सफाई में गोलमाल है। शासन के ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होने के बाद भी ठेकेदार बड़ी आसानी फर्जी हाजिरी चढ़ाकर अपने लोगो के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। जिसे बाद में तयशुदा रकम खाता किराए के रूप में देकर शेष रकम ठेकेदार वापस अपने हैंडओवर ले लेता है। इसकी जानकारी निगम के सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले अफसरो को होने के बाद भी मोटे कमीशन के फेर में आंख बंद कर लेते है। वही वहज है का ठेकेदारों की बेईमानी का काम बड़े ईमानदारी से चल रहा है।
अफसर का ठेकेदार के साथ पार्टनरशिप की चर्चा
निगम के भरोसेमंद सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य अधिकारी का सफाई ठेकेदार के साथ पार्टनरशिप है। तभी तो सफाई कर्मचारी कम होने और बिना सफाई के भी हर महीने भुगतान किया जा रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारी है करोड़ो के आसामी
नगर निगम में सफाई का काम देखने वाले स्वास्थ्य अधिकारी करोड़ो के आसामी है। उनकी संपत्ति की जांच की जाए तो कई चौकाने वाले खुलासे होंगे।