नवा रायपुर के अंतिम छोर में बसा नकटी गांव। करीब 85 परिवारों के मकानों को प्रशासन ने अवैध और अतिक्रमण बताकर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। 40 साल पुराने इस गांव को उजाड़कर विधायकों और सांसदों यानी माननीयों के लिए बंगले बनाने की तैयारी है। गांव के लोगों को जब से नोटिस मिला है, उनकी रातों की नींद गायब है।

अपना आशियाना बचाने गांव की महिलाएं और बुजुर्ग छोटे-छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठ गई हैं। शुक्रवार को जब भास्कर टीम गांव पहुंची तो गली-मोहल्लों में सन्नाटा था। घरों में भी खामोशी थी। टीम आगे बढ़ी तो पूरा गांव एक ही जगह मंच बनाकर वहां इकट्‌ठा बैठा था। ज्यादातर के चेहरे मायूस थे। बीच-बीच शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबजी कर रहे थे। सभी ने एक सुर में कहा- हम पुरखों की जगह छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। जो हटाएगा उसे डंटे से पीटेंगे।

नकटी गांव के जिस हिस्से को कब्जा बताया जा रहा है वह चारागाह की जमीन है। करीब 38 एकड़ इस जमीन पर लोगों ने कच्चे-पक्के मकान लिए हैं। लगभग 300 लोग यहां रहते हैं। इस हिस्से को गांव का एक्टेंशन कहा जा सकता है। दरअसल, मूल नकटी गांव में रहने वाले लोगों के रिश्तेदारों और परिवार के लोगों ने यहां घर बनाने शुरू किए।

धीरे-धीरे यहां आबादी बढ़ने लगी। बसाहट बढ़ने के बाद सरकार ने बिजली, पानी, सड़क की सुविधाएं दीं। प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू होने पर यहां लोगों को पक्के मकान बनाने के लिए शासन ने पैसे भी दिए। करीब 18 लोगों के मकान भी यहां बन गए हैं।

इस बीच विकसित होते इस गांव में पूछ-परख बढ़ी तो कुछ लोगों ने इसके आसपास जमीनों के बड़े-बड़े चक खरीद लिए। अब सरकार में बैठे लोग यहां विधायकों-सांसदों के लिए आवास बनाने की योजना बना रहे हैं। कारण, राजधानी से लगी मुफीद जगह और नजदीक में एयरपोर्ट भी है।

शासक वर्ग के लिए यहां मकान और आवासीय कालोनी बनाई जाती हैं तो निश्चित तौर पर गांव की सूरत बदल जाएगी। जिन लोगों ने गांव से लगकर जमीनों के बड़े-बड़े चक खरीद रखे हैं, उनकी वैल्यू भी इस कालोनी के बनने से पांच से दस गुना बढ़ जाएगी। इसीलिए गांव के आम और गरीब लोगों को बेघर किया जा रहा है।

सांसद-विधायक आवास का मुद्दा इस तरह उठा

21 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा था कि रायपुर में विधायकों और सांसदों के लिए जमीन देख रहे हैं। नवा रायपुर के नकटी गांव में जमीन हैं। यह प्रक्रियाधीन है। इसके बाद 17 अप्रैल को तहसीलदार रायपुर ने ग्रामीणों को नोटिस भेज दिया। उनके बनाए मकानों को अतिक्रमण बताकर 28 अप्रैल तक खाली करने कहा गया। इसके विरोध में गांव की महिलाएं, बच्चे और पुरुष 20 अप्रैल से धरने पर बैठ गए।

विधायक-सांसदों के लिए कहां- कहां है आवास रिंग रोड में मेग्नेटो मॉल के सामने विधायक काॅलोनी बसाई गई है। राजधानी आने पर विधायकों के ठहरने के लिए राजेंद्र नगर में विधायक विश्राम गृह है। सिविल लाइन में भी सर्वसुविधायुक्त विश्रामगृह बना हुआ है।

सांसद बृजमोहन ने दिया ग्रामीणों को समर्थन सांसद बृजमोहन अग्रवाल ग्रामीणों के समर्थन में हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसी का भी आशियाना नहीं छीना जाएगा। एक दशक से नकटी गांव में विधायक कालोनी बनाने का प्रस्ताव चल रहा है। पूर्व में भी उन्होंने इसे रुकवाया था।

ग्रामीणों का दर्द… अब कैसे अवैध गांव के सरपंच बिहारी लाल यादव का कहना है सरकार ने ही यहां पर लोगों को बिजली, पानी और सड़क की सुविधा दी है। अब यह कैसे अवैध हो गया। 25 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से अब तक 15 ही बन पाए हैं। तहसीलदार के नोटिस के बाद कुछ मकानों के पैसे रोक दिए गए हैं।

गांव की चमेली साहू का कहना है कि दादा-परदादा के समय से हम यहां रहते आए हैं। अब हमें हटाया जा रहा है। हम कहां जाएंगे। 70 वर्षीय राम बाई ने कहा कि सरकार हमारा घर उजाड़ना चाहती है। इस उम्र में हम कहां जाएंगे।

Share.

About Us

हमारी यह समाचार पोर्टल वेबसाइट नवीनतम ख़बरों, विस्तृत विश्लेषण और सामयिक घटनाओं की सटीक जानकारी प्रदान करती है। कन्हैया सोनी द्वारा स्थापित और संपादित, हम निष्पक्ष और विश्वसनीय समाचारों के प्रति समर्पित हैं।

Contact Us

👤 Editor: कन्हैया सोनी

📞 Contact No.: +91 89596 82168
📧 Email ID: kaniyason2521@gmail.com

© 2025 Soni Narad Muni News. All Rights Reserved. Developed by Nimble Technology

Exit mobile version