Tuesday, April 29, 2025
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निशानेबाज: जूते दे दो, पैसे ले लो लेकिन शादी में मत पिटो

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, शादी में जूता चुरानेवाली रस्म कभी बड़ी महंगी पड़ जाती है. देहरादून से मुस्लिम परिवार की बारात बिजनौर पहुंची. बैंड-बाजा, नाच-गाना सब कुछ बढि़या रहा लेकिन जब साली ने दूल्हे राजा के जूते चुराए तो उसके बाद बहुत हंगामा हो गया।’

हमने कहा, ‘यह तो आपसी हास-परिहास और मजे की रस्म है. इससे हंसी-दिल्लगी के साथ आपसी मेलजोल बढ़ता है. जीजा-साली की नोकझोंक और मस्ती चलती ही रहती है. कोई तो यह भी कहने से नहीं चूकता कि साली आधी घरवाली होती है! आपने राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ देखी होगी। उसमें तो जूता चुराई की रस्म पर गाना है- दूल्हे की सालियो, हरे दुपट्टेवालियो, पैसे ले लो जूते दे दो! यह मजेदार गाना माधुरी दीक्षित और सलमान खान पर फिल्माया गया है। इसके अलावा एक तख्त पर पापड़ डालकर चादर से ढक दिया जाता है. उस पर बैठने के लिए कहा जाता है. सलमान खान इस चालाकी को समझ जाता है. वह और माधुरी दीक्षित दोनों पहले आप-पहले आप कहते हैं. यह प्रसंग भी रोचक है।’

पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज यह फिल्म मनोरंजक थी लेकिन बिजनौर वाली शादी की रस्म में लाठी-डंडे चल गए. हुआ यह कि जूता चुरानेवाली साली ने नेग में अपने होनेवाले जीजा से 50,000 रुपए मांगे. दूल्हे ने कहा चलो 5,000 में निपटा लेते हैं. बहस चली तो लड़कीवालों ने दूल्हे को भिखारी कह दिया. इस बात पर मारपीट शुरू हो गई. दूल्हे के पिता, दादा, भाई, बहनोई सभी को पीटा गया. गुंडों को बुलाकर बारात को बंधक बनाया गया।आखिर पुलिस ने दूल्हे और उसके परिवार को मुक्त कराया. समझाया गया कि जो भी हुआ उसे भूल जाओ.’ हमने कहा, ‘हिंदी प्रदेशों में जेवनार या बारातियों के भोजन के समय गाली गाने का भी रिवाज है। इसका कोई बुरा नहीं मानता. शादी हंसी-खुशी से करनी चाहिए. इसमें मारा-मारी क्यों होनी चाहिए?’

पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, जूता तो हर हाल में साली चुराएगी ही. इसलिए दूल्हे को अपने एक्स्ट्रा जूते किसी दोस्त के पास पहले से रखवा देने चाहिए।जूता चोरी जाए तो दूसरे जूते पहन लेना चाहिए साली जूता वापस दे या न दे, उसे पैसे जरूर देने चाहिए। साली को अंग्रेजी में सिस्टर इन लॉ या कानूनी बहन कहा जाता है। महाराष्ट्र में साली अपने जीजा को आदरपूर्वक भाऊजी कहती है। जब ऐसा है तो आपस में इकरार रहना चाहिए, तकरार की क्या जरूरत है! साली चाहती तो अपने बहनोई को चिढ़ाते हुए कह सकती थी- जीजा रे जीजा, इमली का बीजा।’

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