ठेकेदार को पेमेंट से पहले गुणवत्ता जांच अनिवार्य करने की मांग, मंत्री को भी निगरानी की जिम्मेदारी
कोरबा।
आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूरा मंत्रिमंडल मौजूद रहा। क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री लखनलाल देवांगन की पहल पर कोरबा को 2800 करोड़ की सौगात मिली।
प्रमुख घोषणाएं
सोनालिया के लिए 9 करोड़ रुपए
बुका–सतरेगा पर्यटन विकास हेतु 2 माह में प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश
एक्वा पार्क स्थापना के लिए 37 करोड़ रुपए
मछली पालन व पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु नई योजनाएं
सभी कार्यों के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया अपनाने का ऐलान
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जनता और नेताओं की चिंता
पिछले अनुभव बताते हैं कि बिना निगरानी समिति के बड़े काम अक्सर अधूरे और घटिया होते रहे हैं। कोरबा की सड़कें इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। हाल ही में कुसमुंडा क्षेत्र में टूटी-फूटी सड़कों के विरोध में व्यापारियों ने तालाबनुमा गड्ढों में स्नान कर प्रदर्शन किया था।
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मांगें क्या हैं?
भुगतान से पहले अधिकारी स्थल निरीक्षण करें।
केवल गुणवत्ता संतुष्टि रिपोर्ट मिलने पर ही ठेकेदार का बिल पास हो।
बिल पासिंग में पारदर्शिता और फोटो/वीडियो प्रमाण अनिवार्य हो।
मंत्री जी खुद ध्यान दें कि अधिकारी जांच सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं।
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जनता की राय
🗣️ “घोषणाएं हर बार होती हैं, लेकिन सड़कें और तालाब जैसी हालत देखकर गुस्सा आता है।” – स्थानीय व्यापारी
🗣️ “अगर बिल पासिंग से पहले गुणवत्ता जांच अनिवार्य हो तो भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण दोनों कम होंगे।” – युवा नागरिक
🗣️ “मंत्रीजी को अधिकारियों पर नजर रखनी चाहिए — सिर्फ कागजों पर काम न हो।” – सामाजिक कार्यकर्ता
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📌 नारद मुनि न्यूज़ की टिप्पणी
“2800 करोड़ का पैकेज कोरबा के लिए ऐतिहासिक है, लेकिन असली परीक्षा अब प्रशासन की है। जनता को विकास चाहिए, दिखावटी घोषणा नहीं। ठेकेदार का बिल तभी पास हो जब काम बोलता हो।”


