कोरबा। पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए संपायुक्त द्वारा गठित समिति कोरबा पहुंच चुकी है। टीम ने जांच शुरू कर दी है। यह जांच कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के स्थानांतरण और शांतिपूर्ण धरना को रोकने से जुड़े विवाद पर की जा रही है।
ननकीराम कंवर ने डीजीपी को पत्र लिखकर कलेक्टर अजीत वसंत और अपर कलेक्टर देवेन्द्र पटेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण धरना को रोकने के लिए दोनों अधिकारियों ने साजिश रची, जिससे उनकी छवि को नुकसान हुआ और आंदोलन को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।
कंवर ने कहा —
> “मेरे सहयोगियों और मुझे मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। मेरी शिकायत पर निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 3 अक्टूबर को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन में बाधा डालने की योजना पहले से बनाई गई थी।
कंवर ने सवाल उठाया —
> “मेरे पुत्र को शराब किसने पिलाई? शराब कहां से खरीदी गई और किस उद्देश्य से यह सब किया गया? ये पूरी साजिश थी ताकि मेरी साख और आंदोलन को बदनाम किया जा सके।”
सूत्रों के अनुसार, जांच समिति में संपायुक्त सुमित गर्ग सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो कोरबा पहुंचकर सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं। बताया गया है कि इस पूरी रिपोर्ट को शासन को सौंपा जाएगा।
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🔹संक्षेप में:
पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर और अपर कलेक्टर पर शांतिपूर्ण धरना रोकने की साजिश का लगाया आरोप,
डीजीपी को पत्र लिखकर मांगी उच्च स्तरीय जांच,
अब संपायुक्त टीम कोरबा पहुंचकर जांच में जुटी।


