छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों बस्तर रियासत के राजा कमलचंद्र भंजदेव का नाम सुर्खियों में है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए उनका नाम दिल्ली हाईकमान को भेजा है। हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बताया जा रहा है कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान राजा कमलचंद्र भंजदेव और उनके परिवार से हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि इसी भेंट के बाद उनके नाम को लेकर पार्टी में चर्चा और भी प्रबल हो गई है।
कौन हैं राजा कमलचंद्र भंजदेव?
बस्तर रियासत के राजा कमलचंद्र भंजदेव का संबंध ऐतिहासिक काकतीय राजवंश से है। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। वर्ष 2010 में भारत लौटने के बाद उन्होंने अपने पूर्वजों की रियासत की परंपराओं और सामाजिक जिम्मेदारियों को संभाला।
कोहिनूर हीरे से जुड़ा है उनका वंश
ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, काकतीय राजपरिवार ही भारत के प्रसिद्ध कोहिनूर हीरे का मूल स्वामी था। यह हीरा बाद में मुगल शासकों और फिर ब्रिटिश शासन के पास चला गया, जहां आज भी यह मौजूद है।
107 साल बाद बजी थी बस्तर राजमहल में शहनाई
फरवरी 2025 में बस्तर राजघराने में 107 साल बाद शाही शादी हुई थी। राजा कमलचंद्र भंजदेव का विवाह मध्य प्रदेश के सतना जिले की नागौद रियासत के राजकुमार शिवेंद्र प्रताप सिंह की पुत्री भुवनेश्वरी कुमारी से हुआ था। इस शाही विवाह ने पूरे बस्तर में ऐतिहासिक माहौल बना दिया था।
अगर भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजती है, तो यह न केवल बस्तर की राजनीति, बल्कि आदिवासी समाज के प्रतिनिधित्व के दृष्टिकोण से भी एक बड़ा सियासी कदम साबित हो सकता है


