कोरबा। जिले में एक ही दिन में तीन नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। लगातार सामने आ रही घटनाओं ने न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि समाज और कानून की संवेदनहीनता को भी बेनकाब कर दिया है।
हसदेव पुल के नीचे भ्रूण मिलने से हड़कंप
कोतवाली थाना क्षेत्र के हसदेव पुल के पास एक थैली में नवजात भ्रूण मिलने से सनसनी फैल गई। थैली पर डायग्नोसिस सेंटर की मुहर मिली है, जिससे साफ है कि इस काले खेल में चिकित्सा जगत की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। वार्ड नंबर 2 के पार्षद ईश्वर पटेल ने आक्रोश जताते हुए कहा कि इस इलाके में यह तीसरी घटना है, लेकिन जिम्मेदार प्रशासन नींद से जागने को तैयार नहीं है।
नाबालिग मां और अस्पताल की लापरवाही
टीपी नगर स्थित एक निजी अस्पताल में नाबालिग लड़की ने शिशु को जन्म दिया, लेकिन चंद मिनटों में ही नवजात ने दम तोड़ दिया। यह मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और नर्सिंग एक्ट के खुलेआम उल्लंघन का नतीजा बताई जा रही है। सीएसपी भूषण एक्का ने पुष्टि की है कि मामले में अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है। सवाल यह है कि ऐसे गैरकानूनी अस्पतालों पर कार्रवाई कब होगी?
अविवाहित युवती का दर्दनाक सच
मोरगा चौकी क्षेत्र की एक अविवाहित युवती, जो कोरबा में पढ़ाई कर रही थी, ने जिला अस्पताल में शिशु को जन्म दिया। लेकिन नवजात कुछ ही मिनटों में जिंदगी की जंग हार गया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि एक युवक ने शादी का झांसा देकर उसका शोषण किया। यह घटना न सिर्फ सामाजिक संवेदनहीनता की मिसाल है, बल्कि कानून की ढिलाई को भी उजागर करती है।
जनता का आक्रोश – जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब?
तीन-तीन मासूम मौतें और हर जगह लापरवाही का आलम… सवाल यह उठता है कि आखिर कोरबा में मासूमों की जिंदगी इतनी सस्ती क्यों है? स्थानीय लोग खुलेआम कह रहे हैं कि अब कड़ी कार्रवाई के बिना हालात काबू में नहीं आएंगे। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन लोग सवाल उठा रहे हैं कि दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह घटनाएं भी कागजी खानापूर्ति बनकर रह जाएंगी।


