ट्रिपल सरकार में भी मौन प्रशासन, दीनदयाल भवन पर व्यावसायिक कब्ज़ा जारी
भाजपा की ट्रिपल सरकार में आखिर हो क्या रहा है? यह बात सर्वविदित है कि ट्रांसपोर्ट नगर, कोरबा में नगर निगम द्वारा पंडित दीनदयाल सांस्कृतिक भवन का निर्माण किया गया है।
जिस भवन का नाम जनसंघ के आदर्श — अर्थात् भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक प्रतीक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है — वह अब इस शहर के एक धनपति ठेकेदार द्वारा निगम अधिकारियों से सांठगांठ कर विगत लंबे समय से ठेके पर लेकर अपना व्यावसायिक संचालन कर रहा है।
लेकिन इस ठेकेदार की हिम्मत कैसे हुई कि भाजपा के आदर्श स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम को छोटा कर साइन बोर्ड में ‘आशीर्वाद पॉइंट’ को बड़ा लिख दिया गया? क्या यह संत पुरुष के नाम का अपमान नहीं है?
जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आदर्शों के नाम को स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक स्थापित करने में लगे हैं, ऐसे में दीनदयाल सांस्कृतिक भवन की इस साइन बोर्ड में इसके अलावा किसी भी दूसरे नाम का लिखा होना अपने आप में उनका अपमान साबित होता है।
शासकीय आदेश के अनुसार इस भवन का नाम केवल “पंडित दीनदयाल सांस्कृतिक भवन” के रूप में अंकित होना चाहिए, परंतु वास्तविकता में साइन बोर्ड पर “आशीर्वाद पॉइंट” बड़े अक्षरों में लिखा गया है।
क्या यह केवल कहने भर के लिए है कि यहाँ भाजपा की ट्रिपल सरकार है? स्थानीय शासन — नगर पालिक निगम में भाजपा की सरकार, प्रदेश में भाजपा की सरकार और केंद्र में भी भाजपा की अपनी सरकार — फिर भी इस दिशा में न तो निगम, न शासन-प्रशासन और न ही मंत्री लखनलाल देवांगन का ध्यान गया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में भाजपा महापौर संजू सिंह राजपूत के छोटे भाई का जन्मदिन इसी भवन में मनाया गया। कार्यक्रम में मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई नरेंद्र देवांगन भी उपस्थित थे।
वरिष्ठ भाजपाइयों को पार्टी के अपने ही आदर्श पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का कोई ख्याल नहीं आ रहा है। बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि भवन के संचालक ठेकेदार की दिन-दुगुनी, रात-चौगुनी कमाई पर ही ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है।


