कोरबा। पानी टंकी निवासी तिलक राम बरेढ का जीवन बीमारी के चलते पूरी तरह बदल गया। इलाज के दौरान उनका एक पैर घुटने तक काटना पड़ा। इसके बाद से वे घर तक ही सीमित होकर रह गए हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पत्नी श्याम बाई ह में झाड़ू-पोछा कर किसी तरह घर चला रही हैं।
श्याम बाई बताती हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान महापौर संजू सिंह राजपूत उनके घर आई थीं। तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि तिलक राम के लिए विकलांग साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। बाद में होटल में दोबारा मुलाकात होने पर महापौर ने फोटो भी खींची और कहा था कि जल्द ही मदद की जाएगी। इसी तरह पूर्व कांग्रेस पार्षद से भी श्याम बाई ने कई बार गुहार लगाई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।
आज हालात यह हैं कि तिलक राम घर में कैद होकर मानसिक तनाव झेल रहे हैं। श्याम बाई का कहना है कि अगर विकलांग साइकिल मिल जाती तो वे बाहर थोड़ा घूम-फिर सकते, जिससे उनका मनोबल भी बढ़ेगा और जिंदगी जीने की हिम्मत मिलेगी।
श्याम बाई की पीड़ा:
“मेरे पति घर में बैठे-बैठे उदास हो गए हैं। हर दिन उन्हें देख मेरा भी मन टूट जाता है। बस इतना चाहती हूँ कि उन्हें साइकिल मिल जाए, ताकि वो बाहर निकलकर थोड़ा खुश रह सकें।”
पड़ोसी का कहना:
“तिलक राम पहले बहुत मिलनसार और हंसमुख थे। बीमारी के बाद से बिल्कुल बदल गए हैं। अगर प्रशासन या जनप्रतिनिधि थोड़ी मदद कर दें तो उनका जीवन फिर से खुशियों से भर सकता है।”
गरीब परिवार की यह व्यथा अब जिम्मेदारों तक मदद की पुकार बनकर पहुंच रही है। सवाल यह है कि क्या तिलक राम जैसे जरूरतमंद को राहत दिलाने में जनप्रतिनिधि और प्रशासन गंभीर पहल करेंगे या फिर यह परिवार यूं ही वादों और इंतजार के बीच जीने को मजबूर रहेगा?


