रायपुर की सड़कों पर बीती रात महाभारत मच गया, जब उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन की पायलट स्कॉर्पियो खालसा स्कूल के सामने अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गई। समय था रात 12:45, और जगह थी सिविल लाइन थाना क्षेत्र—यानी कानून के घर के ठीक सामने कानून का खुला मज़ाक!
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक—
टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कॉर्पियो का आगे का हिस्सा ऐसे पिचका जैसे कुरकुरे का पैकेट पैर से दबा दिया जाए। हादसे के बाद लोग भागकर पहुंचे तो देखा—वाहन चालक झूमता हुआ जैसे अभी-अभी किसी ‘रात्रि-भोज’ से सीधे निकलकर आया हो।
पुलिस ने पहुंचकर जब जांच की, तो अल्कोहल लेवल में ऐसी छलांग, जैसे ओलंपिक में गोल्ड लेने निकला हो! मेडिकल टेस्ट में नशे की तस्दीक होने के बाद पुलिस ने गाड़ी CG 08 BC 9909 को जब्त कर लिया और मामला दर्ज कर दिया।
चालक का दावा अलग ही ‘कहानी मोड़ने’ वाला है—
कहता है कि एक ऑटो वाले ने अचानक ओवरटेक किया, जिससे संतुलन बिगड़ गया। अब पुलिस उसी ‘रहस्यमयी ऑटो चालक’ की तलाश में जुटी है, जिसकी वजह से मंत्री की पायलट गाड़ी डिवाइडर पर चढ़ गई—या फिर यह बस नशे की ही देन थी?
सबसे बड़ी राहत यह रही कि कोई आम नागरिक घायल नहीं हुआ। वरना तेज रफ्तार और भीषण टक्कर देखकर साफ है—हादसा बड़ा हो सकता था।
अब प्रशासनिक गलियारों में चर्चा गर्म है—
“मंत्री की पायलट कार का चालक ड्यूटी के बाद नशे में क्यों?”
“इस लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई कब?”
पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट और शराब पीकर गाड़ी चलाने की धाराओं में FIR दर्ज कर ली है।
जांच जारी है… और सवाल हवा में तैर रहे हैं—
क्या VIP सुरक्षा गाड़ियाँ खुद जनता की सुरक्षा के लिए ख़तरा बन रही हैं?


