📍कोरबा।
नगर निगम कोरबा में एक बार फिर विवाद की लपटें उठने लगी हैं।
छठ पूजा के अवसर पर लगाए गए बधाई पोस्टरों को लेकर निगम के पार्षदों ने खुलकर नाराज़गी जताई है।
पार्षदों का कहना है कि निगम की ओर से लगाए गए पोस्टरों में केवल महापौर संजू देवी राजपूत की तस्वीर प्रमुख रूप से लगाई गई है,
जबकि पार्षदों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
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💥 नाराज पार्षदों का मोर्चा खुला
वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद रवि सिंह चंदेल ने इस मुद्दे पर जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर
निगम प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं।
पत्र में कहा गया है कि छठ पूजा पर्व पर लगाए गए पोस्टरों में
पार्षदों की फोटो और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों का कोई उल्लेख नहीं किया गया,
जबकि पोस्टर पर नगर निगम का लोगो और नाम इस्तेमाल किया गया है।
चंदेल ने यह भी सवाल उठाया कि
अगर ये पोस्टर नगर निगम के फंड से लगाए गए हैं,
तो इसका खर्च किस मद से स्वीकृत किया गया और
अगर निजी फंड से लगाए गए हैं, तो उस पर निगम का नाम और चिन्ह क्यों?
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⚠️ महापौर पर एकछत्र प्रभुत्व का आरोप
पार्षदों का आरोप है कि निगम के हर आयोजन को
“महापौर प्रचार अभियान” का रूप दिया जा रहा है।
उनका कहना है कि निगम सामूहिक संस्था है,
लेकिन सभी योजनाओं और कार्यक्रमों में
“महापौर एकमात्र चेहरा” दिखाया जा रहा है।
एक पार्षद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा —
> “हम सबने जनता के बीच से आकर जनप्रतिनिधि बनने का अवसर पाया है,
लेकिन निगम में अब लोकतंत्र नहीं, बल्कि ‘एकल नेतृत्व’ की तस्वीर उभर रही है।”
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🧾 कलेक्टर को सौंपा गया शिकायत पत्र
पार्षदों की ओर से दिए गए पत्र में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि
छठ पूजा से जुड़े पोस्टर और बैनर का पूरा वित्तीय ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए,
और यदि यह खर्च निगम फंड से हुआ है तो इसकी जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
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🌆 निगम में गहराता असंतोष
छठ पूजा जैसे आस्था के पर्व पर राजनीतिक विवाद का उभरना
निगम के अंदर बढ़ते असंतोष को उजागर करता है।
कई पार्षदों का कहना है कि वे अब सामूहिक रूप से
महापौर के कार्यशैली के खिलाफ औपचारिक विरोध दर्ज कराने की तैयारी में हैं।
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🗣️ जनता के बीच चर्चा
शहर में चर्चा का विषय बन गया है कि
निगम में धीरे-धीरे महापौर बनाम पार्षदों की खींचतान तेज़ होती जा रही है।
जहाँ एक ओर महापौर संजू सिंह राजपूत के समर्थक
इसे “विकास की एकजुटता” बताते हैं,
वहीं नाराज़ पार्षदों का कहना है कि
“निगम में अब सामूहिक निर्णय नहीं,
बल्कि एकतरफा राजनीति चल रही है।”
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🔻 निष्कर्ष
छठ पूजा के पोस्टर से शुरू हुआ यह विवाद
अब निगम राजनीति की नई बगावत की दस्तक दे रहा है।
अगले कुछ दिनों में पार्षदों की ओर से
महापौर और निगम प्रशासन के खिलाफ संयुक्त बयान या आंदोलन की संभावना जताई जा रही है।


