कोरबा के पूर्व सांसद, शिक्षाविद् और गरीबों के भगवान कहलाने वाले डॉ. बंसीलाल महतो की पुण्यतिथि पर आज पूरे प्रदेश में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जा रहे हैं। वे सिर्फ एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि एक ऐसे चिकित्सक थे जिन्होंने अपना जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया।
डॉ. महतो की पहचान एक गरीब–हितैषी चिकित्सक के रूप में भी थी। वे अपने क्लीनिक में गरीबों का सिर्फ 20 रुपये में इलाज करते थे। दूर–दराज के गांवों से लेकर शहर के प्रतिष्ठित लोग भी इलाज के लिए उन्हीं के पास आते थे। उनकी सरलता, सेवा भावना और जनता से जुड़ाव ने उन्हें “गरीबों के डॉक्टर” के रूप में अलग पहचान दिलाई।
शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। विद्या भारती से जुड़े रहते हुए उन्होंने सरस्वती शिक्षा समिति, कोरबा और कमला नेहरू महाविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में कई संस्थानों के विकास में अहम भूमिका निभाई।
राजनीति में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। 2014 में वे कोरबा से लोकसभा सांसद बने और ओबीसी कल्याण समिति, कोयला–इस्पात स्थायी समिति एवं रसायन–उर्वरक मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
79 वर्ष की आयु में लिवर कैंसर से पीड़ित होने के बाद उनका निधन हुआ। हैदराबाद अस्पताल से एयर एंबुलेंस के जरिए बिलासपुर लाए जाते समय कोरबा के रास्ते में उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनकी पुण्यतिथि पर आज विभिन्न सामाजिक संगठनों, चिकित्सकों, छात्रों और नागरिकों द्वारा उनके सेवा–समर्पण को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी जा रही है।


