छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी अब आसान नहीं रही। इस बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नया नियम लागू किया है। अब जिलाध्यक्ष बनने के इच्छुक नेताओं को पार्टी पर्यवेक्षक के सामने तीन पन्नों का विस्तृत आवेदन देना होगा, जिसमें 12 बिंदुओं पर जानकारी देनी होगी।
इन सवालों में दावेदारों से पूछा जाएगा कि उन्होंने पार्टी के लिए क्या काम किए हैं, संगठन को कैसे मजबूत किया, अपने कार्यकाल में कौन-कौन से अभियान चलाए, और क्यों उन्हें जिले की कमान सौंपी जानी चाहिए। आवेदन में व्यक्तिगत जानकारी के साथ राजनीतिक, संगठनात्मक और सामाजिक सक्रियता का पूरा ब्यौरा देना होगा।
कांग्रेस हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति ऊपर से तय नहीं होगी। स्थानीय स्तर पर सर्वे, कार्यकर्ताओं की राय और रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही चयन किया जाएगा। मौजूदा जिलाध्यक्षों को भी अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करना होगा, जिसमें संगठन विस्तार, सदस्यता अभियान और बूथ गठन जैसे कार्यों का उल्लेख रहेगा।
पर्यवेक्षक 8 से 15 अक्टूबर तक रायपुर में रहेंगे
रायपुर शहर और ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष चयन के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गुडाडे आठ अक्टूबर को रायपुर पहुंचेंगे और 15 अक्टूबर तक रहेंगे। इस दौरान वे दावेदारों से मुलाकात करेंगे और उनके बारे में रायशुमारी भी करेंगे। इसके लिए वे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, समाजसेवी, वरिष्ठ नागरिकों और मीडिया प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे।
‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत मुख्य बिंदु:
जिला और ब्लॉक स्तर पर पुनर्गठन
हर पदाधिकारी का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा
स्थानीय कार्यकर्ताओं से रायशुमारी
एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाएं और युवा होंगे प्राथमिकता में
रायपुर शहर के प्रमुख दावेदार:
विनोद तिवारी, श्रीकुमार मेनन, पंकज मिश्रा, सुबोध हरितवाल, कन्हैया अग्रवाल, सुनील कुकरेजा, घनश्याम राजू तिवारी, शिव सिंह ठाकुर, धनंजय ठाकुर, अजय साहू, प्रीति उपाध्याय, विकास तिवारी, सारिक रईस खान, संजीव शुक्ला, सुनील बाजारी, सतनाम पनाग और देवेंद्र यादव।
ग्रामीण कांग्रेस में भी बढ़ी होड़:
नागभूषण राव, भावेश बघेल, पप्पू बंजारे, प्रवीण साहू, विपिन मिश्रा और उधोराम वर्मा समेत कई नाम सामने आए हैं।
इस नई प्रक्रिया के साथ कांग्रेस नेतृत्व उम्मीद कर रहा है कि संगठन सृजन अभियान के तहत ज़िले और ब्लॉक स्तर पर सक्रिय और जमीन से जुड़े नेताओं को आगे लाया जा सकेगा।


